Apple को 2022 में Elon Musk की कंपनी SpaceX से एक खास ऑफर मिला था – Starlink Satellite Connectivity का। इस ऑफर के तहत iPhone यूज़र्स को रीयल-टाइम सैटेलाइट कनेक्टिविटी मिल सकती थी, जो दूरदराज़ के इलाकों में भी मोबाइल नेटवर्क की कमी को पूरा करती। लेकिन Apple ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, और अब इसका खामियाजा iPhone यूजर्स को भुगतना पड़ रहा है।
जानिए क्यों ठुकराया Apple ने Starlink का बहुचर्चित ऑफर?
SpaceX ने Apple को 18 महीने के लिए स्पेशल सैटेलाइट कनेक्टिविटी ऑफर की थी, जिसके लिए कंपनी को $5 बिलियन का एडवांस और हर साल $1 बिलियन का भुगतान करना था। Elon Musk ने साफ चेताया था कि अगर Apple ने यह डील नहीं मानी, तो वे किसी अन्य टेलीकॉम कंपनी से साझेदारी करेंगे — और ऐसा ही हुआ।
Musk ने T-Mobile से मिलाया हाथ, Apple रह गया पीछे
Apple द्वारा प्रस्ताव ठुकराने के बाद Elon Musk ने अपनी Starlink सेवा को T-Mobile नेटवर्क के साथ इंटीग्रेट कर दिया। इसके चलते iPhone को मिलने वाली सैटेलाइट कनेक्टिविटी सीमित हो गई है, जबकि Android यूज़र्स को Starlink का लाभ मिल रहा है।
FCC में भी चला मामला, Globalstar की मुश्किलें बढ़ीं
Globalstar की लिमिटेड क्षमता के चलते Apple अब नए विकल्प तलाश रहा है। कंपनी EchoStar और Boeing जैसी स्पेस टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ साझेदारी करने की तैयारी में है ताकि iPhone यूज़र्स को बेहतर सैटेलाइट कनेक्टिविटी मिल सके।
नई शुरुआत की उम्मीद: Apple और SpaceX फिर एक साथ?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो Apple और SpaceX के बीच फिर से बातचीत शुरू हो चुकी है। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले नए iPhone में Starlink की Satellite Internet Service देखने को मिल सकती है। इस संभावित समझौते से दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले यूज़र्स को काफी फायदा मिल सकता है।
निष्कर्ष: टेक्नोलॉजी की दुनिया में रिश्ते भी मायने रखते हैं
Elon Musk और Apple के बीच हुई यह टकराव दिखाता है कि टेक्नोलॉजी सिर्फ इनोवेशन से नहीं, बल्कि सही साझेदारियों से भी चलती है। अगर दोनों दिग्गज फिर से साथ आते हैं, तो इसका सबसे बड़ा लाभ अंततः यूज़र्स को ही मिलेगा।